नौ अप्रैल को प्रगतिशील लेखक संघ का पहला सम्मलेन लखनऊ 1936 में हुआ था। इसी की याद में नौ अप्रैल को 'साहित्य दिवस' के रूप में मनाया जाता है। राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ ने इस की शुरुआत की थी। इस बार मनाये जाने वाले 'साहित्य दिवस समारोह' के लिए राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ की राज्य समिति के सदस्यों को भेजे गए परिपत्र का विवरण यहाँ प्रस्तुत है।
हर वर्ष की भांति हम इस वर्ष भी प्रगतिशील लेखक संघ का स्थापना दिवस 9 अप्रेल, 2009 को मनाने जा रहे हैं। इस वर्ष हम ‘साहित्य-संस्कृति का लोकतंत्र और राजस्थान’ विशय पर केंद्रित कार्यक्रम करने जा रहे हैं। हमारा मानना है कि समस्त कलानुशासन स्वायत्त होते हुए भी परस्पर एक दूसरे से न केवल गहरे जुड़े होते हैं, बल्कि कई मायनों में समाज को एक स्वस्थ और लोकतांत्रिक अंतर्दृष्टि प्रदान करने में भी अपनी भूमिका निभाते हैं। हमारे प्रदेश की बहुरंगी संस्कृति, लोक कलाएं, आधुनिक कलाएं और बहुभाषी साहित्यिक विरासत इस दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है और कई मामलों में अन्य प्रदेशों से बहुत आगे भी। इस बार के साहित्य दिवस आयोजन में हम प्रदेश की इसी समृद्ध विरासत के विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हुए यह जानने का प्रयास करेंगे कि आज के हालात में हमारी महान विरासत की क्या स्थिति है और पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर इस संबंध में क्या कुछ किये जाने की आवश्यकता है। दो सत्रों में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में दूसरे सत्र में प्रदेश के प्रमुख व्यंग्यकारों का रचना पाठ भी होगा। पहली बार प्रगतिशील लेखक संघ के बैनर तले जयपुर में व्यंग्य रचनाओं का पाठ कार्यक्रम होने जा रहा है। आपसे अनुरोध है कि हमेशा की तरह अपनी सक्रिय सहभागिता से आयोजन को सफल बनाएं। कार्यक्रम की विस्तृत सूचना आपको जल्द ही निमंत्रण पत्र द्वारा भेजी जा रही और ब्लॉग पर भी प्रकाशित कर दी जायेगी।
जून, 2009 में हम दो दिवसीय, वृहद राज्य स्तरीय लेखक सम्मेलन करने जा रहे हैं और इस सम्मेलन में प्रदेश की सभी भाषाओं के लेखक भाग लेंगे। पहली बार प्रलेस प्रदेश के तमाम लेखकों को एक मंच पर लाने जा रहा है। यह आयोजन किसी नगर के बजाय एक रमणीक प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थल पर करने की योजना है, जिसके बारे में जल्द ही सूचित किया जाएगा।
शुभकामनाएं।
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