मंगलवार, 19 जनवरी 2010

kalki avtar aur main

                                              कल्कि  अवतार   और मैं 
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पिछले  दिनों कोई व्यक्ति मेरे नाम  और पते का  इस्तेमाल  प्रेषक  के रूप में करते हुए  कल्कि  अवतार  सम्बन्धी  आठ - दस पृष्ठ की प्रचारात्मक सामग्री देश में अनेक व्यक्तियों को डाक से प्रेषित कर रहा है. मैं एक प्रगतिशील विचार धारा का  कवि हूँ , इस तरह की गतिविधियों  से मेरा दूर तक कोई लेना देना नहीं है.   अनेक  प्रतिष्ठित  साहित्यिक पत्रिकाओं  में मेरी कवितायेँ प्रकाशित  होती रहती है .  मुझे लगता है  कि किसी साहित्यिक पत्रिका   से मेरा  नाम और पता      ले कर  तथा  इन्ही  पत्रिकाओं से  अन्य  लोगों के नाम पते लेकर   अनेक साहित्यकारों को भी ये सामग्री प्रेषित कि जा रही है.   मेरे पास  उज्जैन  से सुप्रसिद्ध कवि श्री चंद्रकांत  देवताले जी का  मोबाइल  आया , उन्हें भी मेरे नाम से ऐसी  ही सामग्री  मिली है.  जयपुर में राजस्थान  प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष डा. हेतु भारद्वाज  एवं  युवा कहानीकार  अरुण कुमार  असफल को भी ऐसी सामग्री मिली है. इसमें  समानता ये है कि  भोपाल से प्रकाशित  प्रगतिशील  वसुधा के ताज़ा अंक में  हम चारों    की  रचना  प्रकाशित है.  कुछ पत्र मेरे पास   प्रेषक  पर मेरा नाम  होने के कारण  लौट कर भी आये है, यधपि  इन  पर डाक घर  की मोहर  स्पष्ट  नहीं है, फिर भी मेरा अनुमान  है कि  ये पत्र मध्य प्रदेश के किसी डाक घर से  पोस्ट  किये  गए है. ऐसे  पत्रों  के कारण मेरी छवि तो  धूमिल  हो ही रही है , मुझे मानसिक संताप भी हो रहा  है. जिन   किसी भी  परिचित - अपरिचित  व्यक्तियों के पास  ऐसी सामग्री मेरे  नाम से पहुंची  है , उनसे निवेदन है कि  ये किसी धार्मिक- अंध विश्वासी व्यक्ति या समूह का काम  है. मेरा कोई सम्बन्ध नहीं है.  मैं आप सभी से ये भी जानना  चाहता हूँ कि  क्या इस सम्बन्ध कोई कानूनी  कार्यवाही   कि जा सकती है ?   कृपया  मुझे निर्देशित  करे.       
                                                                     गोविन्द  माथुर 
                                                           अध्यक्ष, प्रगतिशील लेखक संघ 
                                                                      जयपुर  इकाई