मंगलवार, 7 अप्रैल 2009

साहित्य दिवस पर दो सत्रों में संगोष्ठी और व्यंग्य रचना पाठ

जयपुर. राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ और राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में नौ अप्रेल को साहित्य दिवस समारोह मनाया जाएगा. अकादमी के झालाना डूंगरी स्थित सभागार में दो सत्रों में आयोजित होने वाले इस समारोह के पहले सत्र में प्रातः 11 बजे ‘साहित्य, संस्कृति का लोकतंत्र और राजस्थान' विषय पर चर्चा होगी और दूसरे सत्र में जयपुर के प्रमुख ख्यातिनाम व्यंग्यकार अपनी व्यंग्य रचनाओं का पाठ करेंगे. संघ के प्रदेश महासचिव प्रेमचंद गाँधी ने बताया कि हिन्दी के सुविख्यात कथाकार जितेंद्र भाटिया इस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे, जबकि अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के उप-महासचिव अली जावेद विशिष्ट अतिथि होंगे.
प्रदेश के विभिन्न अँचलों की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत के अतीत, वर्तमान और भविष्य को लेकर राजास्थान के शीर्ष साहित्यकार, लेखक और कलाकार गहन चर्चा करेंगे. इस चर्चा में अलवर से शम्भू गुप्त, अजमेर से अनंत भटनागर, सिरोही से माधव हाडा, हनुमानगढ़ से भरत ओला, चुरू से रामकिशन अडिग और मेड़ता से विजय सिंह नाहटा भाग लेंगे. राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष डा. हेतु भारद्वाज इस सत्र की अध्यक्षता करेंगे.
दोपहर भोजन के बाद अपराह्न 2.30 बजे व्यंग्य रचना पाठ सत्र आयोजित होगा, जिसमें प्रदेश के प्रमुख महत्वपूर्ण व्यंग्यकार फारूक आफरीदी, संपत सरल, पूरण सरमा, अनुराग वाजपेयी, अजय अनुरागी और डा. यश गोयल अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे. प्रसिद्ध व्यंग्यकार और पत्रकार यशवंत व्यास इस सत्र की अध्यक्षता करेंगे और अशोक राही सत्र का संचालन करेंगे.
साहित्य दिवस का इतिहास
नौ अप्रेल, 1936 को लखनऊ में प्रगतिशील लेखक संघ का पहला सम्मलेन हुआ था, जिसकी अध्यक्षता मुंशी प्रेमचंद ने की थी. इस अवसर पर ही मुंशी प्रेमचंद ने अपना प्रसिद्ध भाषण दिया था 'साहित्य का उद्देश्य', जो आज भी साहित्य की दुनिया में अपना अलग महत्त्व रखता है. नौ अप्रेल को ही महान साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन का जन्म दिवस भी है. राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ ने नौ अप्रेल को साहित्य दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी, जिसे अब पूरे देश में मनाया जाता है.

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